केदारनाथ मंदिर का इतिहास, रहस्य व कहानी |  Kedarnath Temple History In Hindi

प्राचीन काल से चली आ रही हिंदुओं कि एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान में से एक केदारनाथ के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा। लोगों का मानना है

कि केदारनाथ के दर्शन से अपने जीवन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इसी कारण यहां भारत के कोने कोने से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।

केदारनाथ मन्दिर दर्शन करने के लिए सुबह 6:00

बजे खुलता है। दोपहर में 3-4 बजे तक पूजा होती है और उसके बाद मन्दिर को फिर से बन्द कर दिया जाता है।

इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 85 फूट, लंबाई लगभग 187 फूट और चौड़ाई लगभग 80 फूट है। यह आंकड़ा अनुमानित है।

यह मंदिर उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह तीन तरफ से ऊंचे पहाड़ों [ केदारनाथ (22000 फीट), खर्चकुंड (21,600 फीट) और भरतकुंड (22,700 फीट)] से घिरा हुआ है।

यहां निरन्तर बर्फबारी होने के कारण केदारनाथ मंदिर सहित इसके आसपास के क्षेत्र बंद रहते हैं। केदारनाथ मंदिर के फाटक  हर साल लगभग 15 नवम्बर के आसपास दीपावली के दो दिन बाद ही भाई दूज को सामान्यतः

प्रसिद्ध मंदिर केदारनाथ की यात्रा करते समय पर्यटन निम्न बातों का ध्यान रखें

– जगह-जगह पर ढाबा और भोजन की दुकान आदि की सुविधा भी उपलब्ध है।

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केदारनाथ की यात्रा क्यों करना चाहिए?