वाराणसी का इतिहास Varanasi History In Hindi

वाराणसी का इतिहास –

  • वाराणसी क्यों प्रसिद्ध है
  • वाराणसी का पुराना नाम
  • बनारस के राजाओं का इतिहास
  • वाराणसी कहां है
  • Varanasi में कितने जिले है
  • वाराणसी पाहाण्यासारखी ठिकाणे
  • बनारस का नाम वाराणसी कब पड़ा
  • Varanasi नक्शा

वाराणसी भारत का सबसे पुराना शहर है| Varanasi को कशी और बनाराश नाम से भे जाना जाता है ये भारत के उत्तर प्रदेश में पर्शिध शहर है| हिन्दू धर्म के अनुशार बनाराश एक धार्मिक और पवित्र शहर में से एक मन जाता है|

इसके अवलावा Varanasi को बौद्ध धर्म और जैन धर्म में भे इस शहर को पवित्र मन जाता है| ये भारत के पुराने और प्राचीन शहर में से एक है| शाम होते ही गाना घाट पर अद्भुत नज़रा होता है Varanasi का नाम दो नदियों के नाम वरुणा और असी के संगम पर इसका नाम पड़ा है

वाराणसी का इतिहास Varanasi History In Hindi
वाराणसी का इतिहास Varanasi History In Hindi

वाराणसी जिशको कशी और बनाराश भी कहा जाता है यह गंगा नदी और धार्मिक महत्त्व से एक मजबूत रिश्ता है वाराणसी से बहोत सी पुरानी से पुरानी कहानिया जुडी हुए है Varanasi इतिहास से पुरातन एव् प्रमपराओ से पुराना है| वाराणसी साहित्य कला और मंदिर का संस्कृति शहर मन जाता है|

चलिए आज हम Varanasi एव बनाराश शहर से जुडी कुछ ऐसी बातो से परचीत करते है जिसको जानने के बाद वाराणसी की यात्रा करने के लिए और भे ज्यदा इछा होने लगे गी

वाराणसी के कुछ घुमने लायक स्थान वाराणसी का इतिहास

यदि आप घुमने फिरने के ज्यदा शौक़ीन है तो ये आर्टिकल आप के लिए बहोत अच्छा होने वाला है हम इस अर्तिक्ल में आप को देश के सबसे पुरानी नगरी वाराणसी यानि बनाराश के देखने वाली जगहों के बारे में बताने जा रहे है जो आप के लिए एक यादगार पल बन जीये गा|

अस्सी घाट वाराणसी बनाराश की सबसे पवित्र और देखने लायक

अस्सी घाट एक ऐशी जगह है यहाँ आने वाले तीर्थयात्री यहाँ पर एक पीपल के पेड़ के निचे विशाल शिव लिंग की पूजा करके भगवन शिव को श्रधांजलि अर्पित करते है यह घाट शुकी नागी अस्सी और गंगा के संगम पर है जो बनाराश की इतिहास को दर्शाता है यदि आप बनाराश घुमने आ रहे है तो आप को सबसे प्रशिध धर्मित जगहों में से अस्सी घाट की सैर जरूर करनी चाहिये ये घाट बहोत ही सुन्दर और प्राचीन घाट है

काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी

वाराणसी शहर में काशी विश्वनाथ भगवन शिव का ये मंदिर सबसे पुराना और प्राचीन मंदिर मन जाता है ये मंदिर गाना नदी के पश्चिमी तट पर है| काशी विश्वनाथ मंदिर पर्मुख देखने वाली जगहों में से एक है इस मंदिर में मौजूत शिव के ज्योतिर्लिंग देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगो में से एक मन जाता है काशी विश्वनाथ मंदिर Varanasi की सबसे प्राचीन मंदिर होने की वजह से यहाँ पर्तिदिन हजारो की तादाद में भक्त लोग आते है

लकिन विशेष मौकों पर यहाँ भक्तो की तादाद हजारो से बढ़ कर लाखो में हो जाती है और इशी वजह से काशी विश्वनाथ मंदिर भारत की प्राचीन मंदिरों में से एक मंदिर मन जाता है इस मंदिर के बारे में हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रंथो में भी उल्लेख किया गया है

दशाश्वमेध घाट ये वाराणसी यानि बनाराश की प्रमुख

यह दशाश्वमेध घाट कशी विश्वनाथ मंदिर के पास में है और ये घात सबसे खुबसूरत घात मन जाता है इस स्थान के बारे में कहा जाता है कि इस जगह पर स्वाम भगवान ब्रह्मा ने दसा अश्वमेध यज्ञ किया था जिश्मे उन्होंने 10 घोड़ो की बलि भी दी गई थी दशाश्वमेध घाट बनाराश घुमने वाले पर्यटनो की लिस्ट में सबसे ऊपर आता है

केव की ये जगह भोत हे सुन्दर और अकर्सन धार्मिक स्थान है  यहाँ पर हर दिन शाम को इस घात पर गंगा आरती सबसे ज्यदा प्रसिद्ध है इस आरती में सैकड़ो कि संख्या में लोग शामिल होते है| गंगाजी की इस आरती को देखना अपने आप में एक भोत ही खास अनुभव है यदि आप वाराणसी आये तो इस दशाश्वमेध घाट को जरूर देखने जाये|

चुनार का किला वाराणसी

चुनर का किला उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले में है ये किला बनाराश से करीब 23 किलो मीटर की दूरी है यह चुनार का किला मुग़ल बादसाह बाबर की चौकी से इसका यह पता चलता है की ये किला 16वी सताब्दी का है इस किले में बाबर के कुछ खाश सैनिको की कब्रे आज भे मौजूद है कहा जाता है की ये चुनर का किला एक दिव्या किला है इस प्रसिद्ध किले का दोबारा निर्माण शेरशाह सूरी के द्वारा करवाया गया था। इस किले के चारों ओर ऊंची-ऊंची दीवारें है।

यहां से सूर्यास्त का नजारा देखना बहुत ही खूबसूरत प्रतीत होता है। कहा जाता है कि एक बार इस किले पर मुग़ल ससक अकबर ने कब्‍जा कर लिया था। उस समय यह किला अवध के नवाबों के पास था। किले में सोनवा मण्डप, सूर्य धूपघड़ी और विशाल कुंआ मौजूद है। यदि आप बनाराश आये तो मिर्ज़ापुर के चुनार का किला जरूर देखने जाये|

सारनाथ में घूमने वाली जगह 

सारनाथ Varanasi से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है | यह स्थान बौद्ध एवं जैन धर्म के  तीर्थ यात्रियों के लिए बहुत ही अछी मानी जाती है| गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में ही दिया था| इस उपदेश को लोग धर्म चक्र प्रवर्तन भी कहते हैं |

सारनाथ बौद्ध धर्म के चार तीर्थ स्थानों में से एक मन जाता है| बाकी तीन तीर्थ स्थान इस प्रकार के है – लुंबिनी, बोधगया और कुशीनगर | इसी जंगहा पर महान भारतीय सम्राट अशोक ने कई सारे स्तूप का निर्माण करवाये थे। उन्होंने यहां प्रसिद्ध अशोक स्तंभ का भी निर्माण करवाया था  जिनमें से अब कुछ ही बचे हैं। इन स्तंभों पर बने हुऐ चार शेर जो अशोक स्तम्भ जो आज भारत का राष्ट्रीय चिन्ह है। वहीं स्तंभ के चक्र को भारती के राष्ट्रीय ध्वज में देखा जा सकता है।

दोस्तों सारनाथ में डियर पार्क भी है और यही वह जगह है जहां पर भगवान गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश दिया था| डियर पार्क में धम्मेक स्तूप वह जगह है, जहां पर गौतम बुद्ध ने ‘आर्य अष्टांग मार्ग’ का संदेश भी दिया था। सारनाथ के म्यूजियम में खुदाई के दौरान शिल्पकृतियों को भी रखा गया है। यहां के पर्यटन स्थल सारनाथ की खूब्सुती को दुगुना कर देते है|

इस लेख को पढ़ने के लिए मेरे प्रिय पाठक आपका प्रेम पूर्वक नमस्कार| इस लेख में वाराणसी में स्थित  पर्यटक स्थल का संपूर्ण वर्णन किये है| मैं आशा करता हूं कि इस लेख को पूरा अंत तक पढ़िए जिससे कि आपको बनाराश में घुमने के लिए आछी जानकारी मिल जाए|

FAQs-

Q – वाराणसी क्यों प्रसिद्ध है

Ans – Varanasi का मूल नगर काशी था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, काशी नगर की स्थापना हिन्दू भगवान शिव ने लगभग ५००० वर्ष पूर्व की थी,

Q – वाराणसी का पुराना नाम क्या है

Ans – पौराणिक कथाओं के अनुसार, काशी नगर की स्थापना हिन्दू भगवान शिव ने लगभग ५००० वर्ष पूर्व की थी, जिस कारण ये आज एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है

Q – Banaras Kahan Hai

Ans – वाराणसी (Varanasi), जिसे काशी (Kashi) और बनारस (Benaras) भी कहा जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य .

Q – Banaras Water Park

Ans –बनारस (Benaras)  का पहला वाटर पार्क वाराणसी इलहाबाद हाइवे पर SMS कॉलेज के पास है जबकि दूसरा वाटर पार्क दनियालपुर, सोना तलाब में के पास है

Q – Water Park Varanasi

Ans –  वाराणसी में दो जगहों पर वाटर पार्क हैं  Varanasi का पहला वाटर पार्क Varanasi इलहाबाद हाइवे पर SMS कॉलेज के पास है  दूसरा वाटर पार्क दनियालपुर, सोना तलाब में है।  दोनों ही वाटर पार्क में आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ मस्ती कर सकते हैं।

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